ग्राम पंचायत ओढ़गी तरहार में दबंग प्रधानपति पर लग रहे गंभीर आरोप
दिव्यांग व्यक्ति को भी नहीं मिली ग्राम प्रधान से कोई सहायता
शंकरगढ प्रयागराज। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के हर गरीब और बेघर व्यक्ति को आवास, शौचालय और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं, वहीं दूसरी ओर उनके ही कार्यकाल में कुछ भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा इन योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है। जनपद प्रयागराज के शंकरगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत ओढ़गी तरहार इन दिनों लगातार सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों की सुर्खियों में है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधानपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि मूलभूत सुविधाओं का लाभ देने के नाम पर उनसे सुविधा शुल्क वसूला जा रहा है। क्या हैं ग्रामीणों के आरोप? ग्रामीण शंकर लाल प्रजापति, राधा प्रजापति, कलावती प्रजापति, उषा देवी प्रजापति समेत कई लोगों ने ऑन कैमरा आरोप लगाया कि— शौचालय निर्माण में गड़बड़ी दो वर्ष पूर्व इनके खातों में 6 हजार रुपये शौचालय निर्माण हेतु आए, लेकिन पूरी धनराशि आज तक नहीं मिली। जब शेष धनराशि की मांग की जाती है तो प्रधानपति द्वारा सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। आवास आवंटन में घोटाला जिन लोगों को वास्तव में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना चाहिए, उन्हें अपात्र घोषित कर दिया जाता है, जबकि अपात्र लोगों से पैसे लेकर उन्हें सूची में शामिल किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप बैंक से निकलते होती है वसूली ग्रामीणों के अनुसार ग्राम प्रधानपति पात्र व्यक्तियों को खुद बैंक ले जाकर उनसे पैसा निकलवाते हैं और वहीं पर गिनती कर कमीशन काट कर अपनी जेब में डाल लेते हैं। दिव्यांग को नहीं मिला कोई लाभ एक विकलांग व्यक्ति, जो बोलने में असमर्थ है, आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं पा सका है। न शौचालय, न आवास, न पेंशन। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रधानपति से अनुरोध किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह संवेदनहीनता व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े करती है। क्या जिम्मेदार भी हैं शामिल? सूत्रों की मानें तो शंकरगढ़ विकासखंड की कई अन्य ग्राम पंचायतों में भी ऐसी ही गड़बड़ियाँ देखने को मिल रही हैं। यदि जिलाधिकारी द्वारा एक गोपनीय जांच समिति गठित कर पूरे विकासखंड की जांच करवाई जाए, तो यह खुलासा हो सकता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें विकासखंड स्तर तक फैली हुई हैं। अब सवाल यह उठता है— क्या सच में विकास सबके लिए है? जब पात्र व्यक्ति मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं और भ्रष्टाचार के बल पर अपात्रों को लाभ दिया जाता है, तो यह केवल योजनाओं की विफलता नहीं बल्कि सरकारी सिस्टम पर गहरा धब्बा है। ग्रामीणों ने अब उच्च अधिकारियों से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।